About
"बरसडा " उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के बेलसर विकास खण्ड के अंतर्गत आने वाला एक विकासशील गाँव है | यहाँ की जनसँख्या तकरीबन 6000 है | जिसमे 60 प्रतिशत लोग युवा हैं | यह गाँव सन 2000 तक बहुत ही पिछड़ा हुआ था | परन्तु उसके बाद ग्राम के सम्माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इसकी स्थिति को लगातार सुधारने का प्रयास किया जा रहा है | जिसमें वे काफी हद तक सफल हो रहें है |
यहाँ का मौसम बहुत ही अच्छा रहता है | खासकर ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से यहाँ पर हर जगह पेंड- पौधे लगे हैं जिनसे यहाँ का वातावरण बहुत ही अच्छा है |
इस गाँव के बच्चों को पढने के लिए किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नही करना पड़ता है | इस गाँव में प्राथमिक विद्यालय के साथ - साथ इंटरमीडियट विद्यालय भी हैं | जिससे बच्चों को पढाई करने के लिए ज्यादा दूर नही जाना पड़ता है |
इस गाँव में वैसे तो कई मन्दिर हैं परन्तु यहाँ पर दो मन्दिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है |
1-- हरचरन बाबा का मन्दिर- यहाँ पर कई वर्षों पुराना एक विशालकाय पीपल का वृक्ष है | जिसकी सब पूजा करते हैं |
2-- काली माता का मन्दिर ..... इस मन्दिर में भी बहुत पूजा-अर्चना होती है खासकर जब किसी के घर विवाह संस्कार होता है तो यहाँ जाकर सभी पूजा - अर्चना करते हैं |
इस गाँव में एक खेल का मैदान भी है जहाँ पर सभी बच्चे और युवा विभिन्न प्रकार के खेल खेलते हैं |
यहाँ का मौसम बहुत ही अच्छा रहता है | खासकर ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से यहाँ पर हर जगह पेंड- पौधे लगे हैं जिनसे यहाँ का वातावरण बहुत ही अच्छा है |
इस गाँव के बच्चों को पढने के लिए किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नही करना पड़ता है | इस गाँव में प्राथमिक विद्यालय के साथ - साथ इंटरमीडियट विद्यालय भी हैं | जिससे बच्चों को पढाई करने के लिए ज्यादा दूर नही जाना पड़ता है |
इस गाँव में वैसे तो कई मन्दिर हैं परन्तु यहाँ पर दो मन्दिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है |
1-- हरचरन बाबा का मन्दिर- यहाँ पर कई वर्षों पुराना एक विशालकाय पीपल का वृक्ष है | जिसकी सब पूजा करते हैं |
2-- काली माता का मन्दिर ..... इस मन्दिर में भी बहुत पूजा-अर्चना होती है खासकर जब किसी के घर विवाह संस्कार होता है तो यहाँ जाकर सभी पूजा - अर्चना करते हैं |
इस गाँव में एक खेल का मैदान भी है जहाँ पर सभी बच्चे और युवा विभिन्न प्रकार के खेल खेलते हैं |
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